भाई बहन के पवित्र प्यार के संकेत का त्यौहार रक्षाबंधन आने वाला हैं .यह त्यौहार हर वर्ष श्रावण शुक्ल की पूर्णिमा को मनाया जाता हैं .लेकिन इस बार पूर्णिमा को भद्र काल लगने से बड़ा असमन्जस हो गया हैं कि रक्षाबंधन कब मनाया जायेगा ?अगर आप भी अभी तक इसी उलझन में हैं तो इस पोस्ट के माध्यम से आपका सारा कन्फ्यूजन दूर हो जायेगा कि रक्षाबंधन कब मनाया जायेगा ?
रक्षाबंधन श्रावण शुक्ल की पूर्णिमा को मनाया जाता हैं .इस बार यह पूर्णिमा 30 अगस्त को हैं .इस पूर्णिमा यानि 30 अगस्त को इस बार भद्र काल का साया रहने के कारण इस बार पूर्णिमा के दिन राखी नहीं बंधी जाएगी .30 अगस्त को भद्रा मृत्युलोक की होने के कारण सुबह 10:13 बजे से रात्रि 08:57 बजे तक रक्षाबंधनका शुभ मुहूर्त नहीं होगा .ऐसे में बहने इस समय अपने भाई को राखी नहीं बांध सकती हैं .रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त की बात करे तो यह 30 अगस्त को रात्रि 08:58 बजे से शुरू होकर 31 अगस्त को प्रात:07:46 तक रहेगा .इस दौरान बहने अपने भाई को राखी बांध सकती हैं .
क्यों मनाया जाता हैं रक्षाबंधन?
भाई बहन के प्यार के प्रतीक इस त्यौहार रक्षाबंधन को मानाने का पौराणिक और ऐतिहासिक अलग अलग महत्व हैं .इसके बारे में ओर अच्छे से जानने के लिए पहले हमें इसके पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व को जानना होगा .ताकि हम जान सके कि रक्षाबंधन कब मनाया जायेगा ?
पौराणिक महत्व
- पौराणिक कथाओ के अनुसार एक बार राजा बलि ने भगवन विष्णु को बंदी बना लिया .
- माता लक्ष्मी जी रोते हुये नारद मुनि के पास गई और सारी कथा सुनाई.
- तब नारद जी ने लक्ष्मी जी से कहा कि तुम राजा बलि को अपना भाई बना लो तब वे तुम्हारे पति को मुक्त कर देंगे .
- यह सुनकर माता लक्ष्मी ने राजाबलि को राखी बंधी और भगवन विष्णु को मुक्त करने का वचन लिया
ऐतिहासिक महत्व
रक्षाबंधन के ऐतिहासिक महत्व की बात करे तो यह लगभग 6 हजार साल पहले की हैं .रक्षाबंधन की शुरुआत का सबसे पहला साक्ष्य रानी कर्णावती और सम्राट हुमायूँ हैं .रानी कर्णावती चित्तौड़ के राजा की विधवा थी .
उसी समय गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह से अपनी प्रजा की सुरक्षा का कोई रास्ता न निकलता देख रानी ने हुमायूँको राखी भेजी थी .तब हुमायु ने उनकी रक्षा कर उन्हें बहन का दर्जा दिया था
इससे आपका सारा कन्फ्यूजन दूर हो गया होगा कि रक्षाबंधन कब मनाया जायेगा ?
भद्रकाल के दौरान क्यों नहीं बांधी जाती हैं राखी ?
पौराणिक कथाओ के अनुसार भद्राकाल के समय ही रावणकी बहन ने उसे राखी बंधी थी .जिसके चलते रावण की उसी दिन मृत्यु हो गयी थी .तब से मान्यता हैं कि भद्र काल के दौरान राखी नहीं बंधी जाती हैं .
बहन ही भाई के घर रक्षाबंधन को क्यों आती हैं ?
- हमारे शास्त्रों में 15 तिथिया हैं .
- अमावस्या से लेकर के चंद्रमा जब पूर्णिमा की ओर बढता हैं.
- इस दौरान सूर्य और चन्द्रमा में 12 अंश का अंतर आता हैं .
- दूसरी तिथि में 24 अंश का अंतर आता हैं .
- इस प्रकार से चन्द्रमा अमांत से लेकर के पूर्णिमा की और बढता हैं.
- चन्द्रमा चुकी बहन का कारक हैं सूर्य ग्रहों के राजा हैं मंगल को भाई का कारक बताया गया हैं .
- इसलिए पूर्णिमा तिथि में बहन का भाई के घर आना बेहद शुभ माना गया हैं .
- इस दिन बहन को भाई के घर आकर रक्षासूत्र बंधना चाहिए .इससे भाई के सम्मान में वृधि होती हैं .
रक्षाबंधन कब हैं | 30 अगस्त 2023 |
दिन | बुधवार |
राखी बाँधने का शुभ मुहूर्त | 30 अगस्त रात्रि 08:58 से 31 अगस्त सुबह 07:46 |
कुल अवधि | 10 घंटे 48 मिनट |
रक्षाबंधन को राखी बंधबाने के बाद भाई क्या करे ?
रक्षाबंधन को भाई बहन से राखी बंधबाने के बाद अपने माता -पिता और गुरुजनों का आशीर्वाद प्राप्त करे .
इसके बाद बहन को श्रद्धाअनुसार कोई उपहार दे.इससे भाई बहन के रिस्तो में मधुरता बनी रहती हैं .