15अगस्त को इस वर्ष भारत 77 वा स्वाधीनता दिवस मनायेगा |ये आजादी हमें यूं ही नहीं मिली हैं |इसके लिए हमारे अनेक महापुरुषों ने अपनी प्राणों की आहुति दी हैं |भारत की स्वतंत्रता के लिए अनेक आन्दोलन चलाये गये ,अनेक क्रन्तिकारी जेल गये तब जाकर हमें खुली हवा में साँस लेना का सोभाग्य प्राप्त हुआ हैं |उन्ही आन्दोलनों में से एक था भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 | आइये जानते हैं क्या था ये कानून और किस क्या थी इसकी खास बात |
क्या था भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947
भारतीय की स्वतंत्रता से सम्बंधित ये कानून लार्ड माउन्टबेटन द्वारा 4 जून 1947 को पेश किया गया और 18 जुलाई1947को पास किया गया | यह कानून बिटिश संसद में लार्ड माउन्ट बेटन ने पेस किया था इसलिए इसे माउन्ट बेटन योजना के नाम से भी जाना जाता हैं |माउन्ट बेटन योजना के अनुसार भारत दो राष्ट्रों अर्थात भारत और पाकिस्तान में बिभाजित किया होगा |लार्ड माउन्ट बेटन योजना आनेसे भारतीय क्रांतिकारियों का खून खोल उठा |इस बिभाजनकारी योजना पर विचार करने के लिए 14 जून 1947को कांग्रेस कार्यसमित की बैठक हुई|इस बैठक में अबुल कलम आजाद सहित कुछ राष्ट्रवादी लोगो ने इसका विरोध किया |किन्तु तत्कालीन परिस्थितिया देखते हुए जवाहर लाल नेहरु ,सरदार पटेल व महात्मा गाँधी ने इस पर अपनी सहमती जता दी |
भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के प्रावधान
लार्ड माउन्ट बेटन योजना पास होने के बाद इस योजना के मुख्य प्रावधान निम्नलिखित थे |
- 15 अगस्त 1947 से ब्रिटिश भारत का दो नए प्रभुत्वो अर्थात भारत और पाकिस्तान डोमिनियन में विभाजन होगा |
- दोनों देशो में से प्रत्येक में के प्रतिनिधियों के रूप में गवर्नर जनरल के कार्यालय की स्थापना की जाएगी |
- दोनों नए देशो से संबधित संबिधान सभाओ को पूर्ण विधायी अधिकार प्रदान करना |
- भारत के साथ साथ दोनों देशो के बीचबंगाल और पंजाब प्रान्तों का भी विभाजन |
- भारत के लिए राज्य सचिव का पद समाप्त कर दिया गया |
- इसने रियासतों को किसी भी उपनिवेश में शामिल होने या स्वतंत्र रहने का अधिकार दिया गया |
- ब्रिटिश सम्राट के पास अब भारतीय राज्य के बिलों को बीटो करने या अधिकार नहीं था |
- भारत और पाकिस्तान को सत्ता हस्तांतरण के लिए 15 अगस्त 1947का दिन नियत किया गया |
- इसी के साथ ब्रिटिश सरकार ने भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 को जुलाई 1947 को पारित कर दिया |
भारतीय स्वतंत्रता अधिनयम 1947 के अनुसार विभाजन और स्वतंत्रता
- तत्कालीन परिस्थितियों को देखते हुए सभी राजनितिक दलो ने माउन्ट बेटन की विभाजनकारी योजना को स्वीकार कर लिया
- सर रेडक्लिफ की अध्यक्षता विभाजन की देख रेख और नए गठित होने वाले राष्ट्रों की अंतर्राष्टीय सीमओं को निर्धारित किया गया |
- स्वतंत्रता के समय भारत में छोटी बड़ी कुल मिलाकर 562 रियासते थी |
- भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेलके प्रयासों के फलस्वरूप 15 अगस्त 1947 तक जम्भू कश्मीर ,जूनागढ़ व हैदराबाद को छोड़कर सभी रियासतों ने विलय पत्र पर हस्ताक्षरकर दिए थे |
- स्वतंत्रत भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद और प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु बने |
- पाकिस्तान के प्रथम मोहम्मद अली जिन्ना और प्रथम प्रधानमंत्री लियाकत अली खान बने |
अचानक तय हुई थी आजादी की तारीख !
माउन्ट बेटन योजना स्वीकार होने के अगले दिन माउन्ट बेटन ने एक प्रेस कॉन्फेसकर यह ऐलान किया कि जल्द ही भारत का भूगोल बदलने वाला हैं |लार्ड बेटन कि यह घोषणा सुनकर भीड़ से आवाज आयी,क्या आपने आजादी की तारीख तय कर दी हैः ?यह सवाल सुनते ही माउन्ट बेटन का सर चकरा गया क्यूकि उन्होंने कोई तारीख तय नहीं की थी लेकिन वो मानते थे की यह कम जल्दी से जल्दी ही पूरा हो जाना चाहिए |यह सोचते सोचते माउन्ट बेटन की आवाज अचानक रुंध गई और उन्होंने ऐलान कर दिया कि15 अगस्त 1947 को भारतीय हाथो में सत्ता सौप दी जाएगी |अचानक अपनी मर्जी से तय की गई तारीख पर लन्दन से लेकर भारत तक में जैसे विस्फोट हो गया |किसी ने कल्पना भी नहीं की थी किभारत में ब्रिटेन के इतिहास पर इस तरह से विराम लगेगा |
इस प्रकार 14 और 15 अगस्त को भारत का बटवारा हो गया और पाकिस्तान का जन्म हुआ |इसलिए पाकिस्तान 14 अगस्त और भारत 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता हैं |
आजदी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न……………
प्रश्न: भारत की स्वतंत्रता के समय ब्रिटिश प्रधानमंत्री कोन थे ?
उतर :क्लीमेंट एटली|
प्रश्न : भारत पाकिस्तान के मध्य अंतर्राष्टीय सीमा को किस नाम से जाना जाता हैं ?
उत्तर : सर रेड किलिफ रेखा |
प्रश्न :स्वतंत्र भरता के प्रथम भारतीय वायसराय कौन थे ?
उत्तर :सी राज गोपालाचारी |
प्रश्न : स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री कौन थे ?
उत्तर : डॉ भीम राम अम्बेडकर|
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