हम अपने दैनिक जीवन में आज चारो ओर प्लास्टिक से घिरे हैं | रसोई से लेकर बाथरूम तक जरुरत की सभी वस्तु आज प्लास्टिक की बोतल में कैद हो गई हैं | रिफ़ाइन्ड ऑयल हो या शम्पू ,फेसवाश हो या हार्पिक सबकी पैकिंग के लिए प्लास्टिक बोतल की जरुरत होती हैं | चारो और प्लास्टिक बोतल देखकर कभी कभी आपके मन में भी ये सवाल जरुर आता होगा कि प्लास्टिक बोतल आखिर कैसे बनती हैं ?अपनी इस पोस्ट के माध्यम से आज हम आज जानेगे |
बोतल का हम लम्बे समय तक प्रयोग नहीं कर सकते हैं | लम्बे समय तक प्लास्टिक का प्रयोग करना पर्यावरण और हमारे स्वास्थ्य दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकता हैं | प्लास्टिक बोतल पर्यावरण में घुलनशील नहीं होती हैं अर्थात ये हजारो वर्षो तक जैसे के तैसे बने रहते हैं |इसका मतलब यह है कि वे लैंडफिल, महासागरों और अन्य प्राकृतिक आवासों में जमा हो सकते हैं, जिससे प्रदूषण हो सकता है और वन्यजीवों को नुकसान हो सकता है | इसके अतिरिक्त, जब प्लास्टिक की बोतलें गर्मी या सूरज की रोशनी के संपर्क में आती हैं, तो वे रसायन छोड़ सकती हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
प्लास्टिक बोतल का सुरक्षित निपटारा करने से पहले उसे आवश्यकतानुसार कई बार Re-Use किया जा सकता हैं | मुख्य रूप से पानी की बोतलों का ही Re-Use किया जाता हैं | पानी की बोतले पॉलीइथिलीन टेरेफटलेट से बनी होती हैं ,जिनका लगभग 25 बार Re-Use किया जा सकता हैं | इसके अलावा अन्य बोतलों का Re-Use उस बोतल की साफ सफाई पर निर्भर करता हैं |यदि इसके उपयोग के बीचठीक से साफ सफाई नहीं की जाये तो Re-Use की संख्या कम हो जाती हैं | बेहतर साफ सफाई के आभाव में ये बोतले रसायन छोड़ सकती हैं,जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं |
प्लास्टिक देखने में आकर्षक, उपयोग करने में आसान, वजन में हल्की और कीमत में सस्ती होने के कारण ग्राहकों को बहुत पसंद आ रही है। अच्छी क्वालिटी के प्लास्टिक का Re-Use भी किया जा सकता हैं | अब प्लास्टिक को न केबल Re-Use किया जा रहा हैं बल्कि प्लास्टिक को रिसाइकिल कर इससे अन्य उत्पाद भी बनाये जा रहे हैं | जिस कारण इसका उपयोग बहुत बड़े स्तर पर हो रहा हैं | अभी हालही में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने हर साल 10 करोड़ PET बोतलों का रिसाइकिल करने की योजना बनाई है |रिसाइकिल होने वाली इन बोतलों से कपड़े बनाए जाएंगे। ट्रायल के तौर पर इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के विशेषज्ञों ने जैकेट तैयार की थी। जिसे पीएम मोदी को भेंट किया गया है।
अगर आप किसी छोटे व्यवसाय के बारे में सोच रहे हैं तो प्लास्टिक बोतल बनाने का बिजनेस शुरू कर सकते हैं |
प्लास्टिक से बने प्रोडक्ट की बढ़ती संख्या के साथ, इस दुनिया में प्लास्टिक का भरपूर मात्रा में उपयोग किया जाता है| आज के समय में किराने के सामान की पैकेजिंग, दवाइयां, पानी की बोतलों, खाद्य कंटेनरों आदि में प्लास्टिक की उच्च मांग का कारण है|इसके अलावा प्लास्टिक एक हल्का, टिकाऊ, सस्ता और आसानी से उपलब्ध मटीरियल है, जिसकी वजह से इसका उपयोग तेजी से बढ़ रहा है|अतः प्लास्टिक बोतल बनाने का बिजनेस एक अच्छा विकल्प हो सकता हैं |
प्रश्न : पानी की बोतले किस प्लास्टिक से बनी होती हैं ?
उत्तर : पॉलीइथिलीन टेरेफटलेट प्लास्टिक से |
प्रश्न :प्लास्टिक बोतल का पुनः उपयोग किस पर निर्भर करता हैं ?
उत्तर : प्लास्टिक की क्वालिटी और साफ सफाई पर |
प्रश्न :पानी की बोतल को अधिकतम कितनी बार Re-Useकिया जा सकता हैं ?
उत्तर : अधिकतम 25 बार |
प्रश्न : पानी की बोतल बनाने वाली मशीन कितने की आती है?
उत्तर :ब्लो मोल्डिंग मशीन की कीमत तक़रीबन 10 से 20 लाख तक है। और मशीन के मोल्ड की कीमत 50 हजार से 1 लाख रुपये तक है।
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